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आँखिन देखी

डॉ. उमेश कुमार शर्मा

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राजमहल
1 min 0
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राजमहल

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • September 22, 2024
काव्य : राजमहल राजमहल वह नहीं, जहाँ पर प्रतिक्षण हो रंग-रलियाँ। जहाँ वासना की बजती…
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शोध-सार  : न्यू मीडिया की अवधारणा 
1 min 0
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शोध-सार  : न्यू मीडिया की अवधारणा 

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • September 1, 2024
 ‘मीडिया’ शब्द मीडियम से बना है, जिसका अर्थ है- ‘माध्यम’। ‘मीडिया’ व्यक्ति का समाज तथा…
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भूमंडलीकरण और गांधीवाद
1 min 0
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भूमंडलीकरण और गांधीवाद

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • September 1, 2024
‘भूमंडलीकरण’ को अंग्रेजी में ‘ग्लोबलाइजेशन’ कहा जाता है, जिसके लिए ‘वैश्वीकरण’, ‘विश्ववाद’ तथा ‘बाजारवाद’ आदि…
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दलित साहित्य का समकालीन संदर्भ
1 min 1
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दलित साहित्य का समकालीन संदर्भ

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • September 1, 2024
समकालीनता के इस दौर में दलित-विमर्श के पुनर्मूल्यांकन की आवश्यकता है, चूँकि समकालीन विमर्शों में…
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स्वर्ग से घसीट लाएंगे बच्चे..

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • August 30, 2024
 रह जाने दो थोड़ी-सी हवा कि कल सांस ले सकेंगे बच्चे रहने दो थोड़ा-सा साफ पानी…
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1 min 0
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  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • August 28, 2024
          “यह संसार नश्वर है। ‘दृश्य जगत’ माया का प्रसार है।…
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कोउ नृप होय हमै का हानि…..
1 min 0
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कोउ नृप होय हमै का हानि…..

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • August 28, 2024
मध्यकाल के युगद्रष्टा कवि गोस्वामी तुलसीदास रचित ‘रामचरितमानस’ की प्रसिद्ध पंक्ति- ‘कोउ नृप हो, हमै…
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प्रेमचंद : भारतीय स्वाधीनता के स्वप्न-द्रष्टा
1 min 0
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  • समीक्षा

प्रेमचंद : भारतीय स्वाधीनता के स्वप्न-द्रष्टा

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • August 22, 2024
पराधीन भारत में स्वाधीन भारत के स्वप्नद्रष्टा कथाकार प्रेमचंद मूल रूप से सत्याग्रह- युग के…
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सीता का शास्त्रीय संदर्भ : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
2 min 0
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  • शोध-पत्र

सीता का शास्त्रीय संदर्भ : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • August 19, 2024
भारत में अनादिकाल से ही पुरुषवादी सामाजिक परंपरा ने स्त्री की स्वतंत्र सत्ता को नकारा…
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समाजवाद, राष्ट्र और चन्द्रशेखर
1 min 0
  • Blog

समाजवाद, राष्ट्र और चन्द्रशेखर

  • डॉ. उमेश कुमार शर्मा
  • August 18, 2024
समाजवादी विचारधारा ने जितनी अधिक हलचल वर्तमान शताब्दी में उत्पन्न की है, उतनी अन्य किसी…
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Recent Comments

  1. अनमोल कुमार on राम : भारतीय मानस की सर्वोत्तम कल्पनाApril 6, 2025

    बहुत ही सुन्दर राम सत्य है या असत्य इसका कोई अर्थ हो न हो मगर राम के जीवन से सीखने…

  2. Annu Singh on आभासी तिलस्म में फँसी वर्तमान पीढ़ीOctober 16, 2024

    Hart Taichung sir ...bilkul sahi kaha sir apni 😞😞🤗🙏🙏

  3. Gaurav sharma on आभासी तिलस्म में फँसी वर्तमान पीढ़ीOctober 16, 2024

    वास्तविक सच्चाई 🙏

  4. सर्वेश कुमार। on दलित साहित्य का समकालीन संदर्भSeptember 3, 2024

    वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बिल्कुल सही विचार। लेकिन आज़ न तो दलितों को सताने वाले जिन्दा है और न ही जो…

  5. डॉ. उमेश कुमार शर्मा on नदी के द्वीप : गहन अस्तित्वबोध की कविताAugust 12, 2024

    Thanks

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