1 min 0 आलेख गणतंत्र होने का निहितार्थ डॉ. उमेश कुमार शर्मा January 26, 2025 इसमें कोई संदेह नहीं कि इस बार भी हम सभी ‘गणतंत्र’ का निहितार्थ समझे बिना… Read More
1 min 0 आलेख भूमंडलीकरण के दौर में समाजवादी विचार डॉ. उमेश कुमार शर्मा January 18, 2025 ‘भूमंडलीकरण’ अंग्रेजी के ‘ग्लोबलाइजेशन’ का हिन्दी पर्याय है, जिसके लिए विश्वग्राम, वैश्वीकरण आदि शब्द भी… Read More
1 min 0 आलेख राजभाषा हिन्दी की संघर्ष- यात्रा डॉ. उमेश कुमार शर्मा December 25, 2024 उर्दू के प्रसिद्ध शायर इकबाल ने सत्य ही कहा है- ‘कुछ बात है कि हस्ती… Read More
1 min 2 आलेख आभासी तिलस्म में फँसी वर्तमान पीढ़ी डॉ. उमेश कुमार शर्मा October 16, 2024 “पापा! रात हो गई। अब छत पर नहीं रहना चाहिए….नीचे चलिए।” मेरे चार वर्षीय बेटे… Read More
1 min 0 आलेख राजभाषा हिन्दी : दशा और दिशा डॉ. उमेश कुमार शर्मा September 13, 2024 उर्दू के प्रसिद्ध शायर इकबाल ने सत्य ही कहा है- ‘कुछ बात है कि हस्ती… Read More
1 min 0 आलेख समकालीन समाज की चुनौतियाँ और गांधीवाद की प्रासंगिकता। डॉ. उमेश कुमार शर्मा August 28, 2024 भारतीय समाज अनेक जातियों, प्रजातियों, वर्गों, समुदायों, धर्मों, संप्रदायों का समुच्चय है। भारतीय संस्कृति की… Read More
1 min 0 आलेख गांधी का समाजवाद डॉ. उमेश कुमार शर्मा August 28, 2024 आधुनिक भारत के निर्माण में महात्मा गाँधी के दर्शन तथा उनके समाजवादी विचारों की महत्ता… Read More
1 min 0 आलेख साहित्य और समाज डॉ. उमेश कुमार शर्मा August 27, 2024 साहित्य और समाज के अंतर्संबंध तथा पारस्परिक निर्भरता को लेकर विद्वानों में सदा से विवाद… Read More
1 min 0 आलेख साहित्य और समाजशास्त्र डॉ. उमेश कुमार शर्मा August 27, 2024 यह सर्वविदित है कि साहित्य और समाज का गहरा अंतर्संबंध है। प्रत्येक समाज का अपना… Read More
1 min 0 आलेख साहित्य का समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण डॉ. उमेश कुमार शर्मा August 27, 2024 ‘साहित्य का समाजशास्त्र’ एक विधा के रूप में विकसित हो गया है, जिसमें साहित्य और… Read More