‘मीडिया’ शब्द मीडियम से बना है, जिसका अर्थ है- ‘माध्यम’। ‘मीडिया’ व्यक्ति का समाज तथा सत्ता से संवाद का स्थापित करने का माध्यम है। परंपरागत रूपों में मीडिया के दो रूप-प्रिंट मीडिया तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया। प्रिंट मीडिया मे प्रमुखत: अखबार तथा पत्र-पत्रिकाओं को स्थान दिया जाता है,जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में रेडियो,टेलीविजन, मोबाइल, इंटरनेट आदि की गणना की जाती है। न्यू मीडिया की अवधारणा
‘न्यू मीडिया’ शब्द वस्तुत: सोशल मीडिया के लिए प्रयुक्त होता है। इस न्यू मीडिया ने सूचना और संचार- क्रांति कई अभिनव प्रयोग किए हैं। न्यू मीडिया ने अब हर आदमी को पत्रकार बना दिया है। इससे समाज में अनेक तरह के परिवर्तन हुए हैं। इस परिवर्तन को सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों पक्ष हैं। सकारात्मक रूप में न्यू मीडिया ने अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य को जन्म दिया है। सूचना-प्रसारण को सहज -सुलभ और द्रुत बना दिया है। छोटी से छोटी घटनाएँ पलक झपकते पूरे भूमंडल में फैल जाती हैं। साथ ही सोशल मीडिया के रूप में फेसबुक, ट्विटर, वाट्सप, यूट्यूब तथा इस्टाग्राम ने ‘लोकल को भोकल’ बनाने मे अपनी सार्थक भूमिका निभाई है।
नकारात्मक रूप में न्यू मीडिया ने फेक न्यूज का जाल फैला दिया है, जिसमें असली और नकली का भेद करना कठिन हो गया है। न्यू मीडिया ने बाजारवाद को बढ़ावा दिया है। न्यू मीडिया ने उपभोक्तावाद को बढ़ाने में सफलता अर्जित की है। इसलिए न्यू मीडिया में केवल अच्छाई ही नहीं है।
‘न्यू मीडिया’ ने सोशल मीडिया को चरम पर पहुँचा दिया है। अब यह केवल सूचना-प्रसारण का ही साधन नहीं है, बल्कि अर्थोपार्जन का भी जरिया बन गया है। यूट्यूब, ट्यूटर या ब्लॉग केवल प्रसिद्धि ही नहीं पैसा भी देता है। आज की युवा पीढ़ी तकनीकी साधनों का उपयोग कर आसानी से यूट्यूबर और ब्लॉगर बन रहे हैं। यहाँ उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिल रही है। यूट्यूब से लेकर ब्लाॅग तक प्रतिभासंपन्न व्यक्ति के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है। ब्लाॅग के माध्यम से रचनाकार स्वयं ही अपनी रचनाओं का प्रकाशन कर ख्याति प्राप्त कर रहे हैं।
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि ‘न्यू मीडिया’ का प्रखर रूप सोशल मीडिया है, जिसने समाज में सूचना-प्रसारण के सहज साधनों के साथ प्रगतिशीलता की अभिवृद्धि की है.l