बच जाने दो थोड़ी-सी हवा
कि कल सांस ले सकेंगे बच्चे
रहने दो थोड़ा-सा साफ पानी
कि प्यास बुझा सकेंगे बच्चे
बची रहने दो थोड़ी-सी जमीन,
ताकि फसल उगा सकेंगे बच्चे
बच जाने दो थोड़ी-सी सभ्यता
कि नया समाज बना सकेंगे बच्चे
नहीं तो एक दिन ऐसा भी आएगा
स्वर्ग से घसीट लाएंगे तुम्हें, तुम्हारे बच्चे
और तुम अपने ही बनाए नरक में पाए जाओगे।
डाॅ. उमेश कुमार शर्मा