किसी ने ठीक ही कहा है…
धरती है स्त्री………
उतनी ही सहनशील ममतामयी,
जन्मदात्रीपालनकर्त्री………….
स्त्री, सबकुछ सहकर
घूमती ही रहती है
दाम्पत्य की धूरी पर
निरापद…..!
निर्लिप्त……!!
निस्पंद…….!!!
डॉ. उमेश कुमार शर्मा
किसी ने ठीक ही कहा है…
धरती है स्त्री………
उतनी ही सहनशील ममतामयी,
जन्मदात्रीपालनकर्त्री………….
स्त्री, सबकुछ सहकर
घूमती ही रहती है
दाम्पत्य की धूरी पर
निरापद…..!
निर्लिप्त……!!
निस्पंद…….!!!